स्टार ड्रैग फ्लिकर संदीप सिंह की शानदार
हैट्रिक सहित पांच गोलों की बदौलत भारतीय टीम ने मेजर ध्यानचंद नेशनल
स्टेडियम में मौजूद लगभग 12 हजार जूनूनी दर्शकों के सामने फ्रांस को 8-1 से
हराकर हीरो एफआईएच रोड टू लंदन टूर्नामेंट के खिताब के साथ-साथ लंदन
ओलम्पिक में खेलने का अधिकार भी हासिल कर लिया।
भारतीय
टीम ने 1928 के बाद से 2004 तक सभी ओलम्पिक में हिस्सा लिया था लेकिन 2008
के बीजिंग ओलम्पिक में वह हिस्सा नहीं ले सकी क्योंकि उसी साल चिली में
आयोजित क्वालीफाईंग टूर्नामेंट के फाइनल में उसे इंग्लैंड के हाथों 0-2 से
हार मिली थी।
इस
तरह 80 साल में पहली बार भारतीय हॉकी टीम ओलम्पिक में शामिल नहीं हो सकी।
भारत के पास जहां 2008 की नाकामी को धोकर फिर से नई शुरूआत करने का वक्त था
वहीं फ्रांसीसी टीम भी 1972 के बाद से पहली बार ओलम्पिक में हिस्सा लेकर
एक इतिहास कायम करना चाहती थी।
इस टीम
ने अंतिम बार 1972 के म्यूनिख ओलम्पिक में हिस्सा लिया था और इसके लिए वह
भारत को कड़ी से कड़ी टक्कर देना चाहती थी।इस जंग में लेकिन जीत भारत की
हुई। इसमें टूर्नामेंट में सबसे अधिक गोल करने वाले संदीप की महती भूमिका
रही।
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