नई दिल्ली. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर और हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न मिल सकता है। सरकार ने भारत रत्न दिए जाने के नियमों में बदलाव कर दिया है। अब तक खिलाडियों को यह सम्मान नहीं मिलता था। लेकिन खेल मंत्रालय और गृह मंत्रालय की सिफारिश के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने नियमों में बदलाव का फैसला किया है।

एक अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित खबर के मुताबिक नए नियमों के तहत अब भारत रत्न किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ठ प्रदर्शन/सेवा करने वाले शख्स को दिया जा सकता है। इससे पहले सरकार भारत रत्न देने के लिए ‘कला, साहित्य, विज्ञान और लोकसेवा’ के क्षेत्र में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले लोगों के नाम पर ही विचार करती है। ऐसे में खेल सहित कई अन्य क्षेत्र में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले लोगों के नाम छूट जाते थे।
सचिन को 2008 में पद्मविभूषण का सम्मान मिल चुका है। इन्हें 1994 में अर्जुन अवार्ड, 1997 में विजडन क्रिकेटर ऑफ इ इयर, 1997-98 राजीव गांधी अवार्ड, 2011 में बीसीसीआई क्रिकेटर ऑफ द इयर से भी नवाजा जा चुका है। तेंडुलकर को 2010 में वायुसेना में ग्रुप कैप्टन का रैंक दिया गया।
पूर्व हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद को 1956 में पद्मभूषण से नवाजा गया था। वह ओलंपिक की गोल्ड विजेता भारतीय टीम में शामिल रहे। उनकी कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता। ध्यानचंद ने अंतरराष्ट्रीय मैचों में 400 से ज्यादा गोल किए।
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